19. 'स्वर ध्वनि' के प्रकार हैं?
(a) दीर्घ
(c) हस्व
(b) प्लुत
(d) उपर्युक्त तीनों
UP Bed Exam 2003
उत्तर (d) : उपर्युक्त तीनों - हस्व, दीर्घ और प्लुत तीनों ही उच्चारण की मात्रा के आधार पर 'स्वर ध्वनि' के प्रकार हैं।
उच्चारण में लगने वाला समय 'मात्रा' कहलाता है। इसी मात्रा के आधार पर स्वरों के तीन भेद हैं-
(1) ह्रस्व स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में एक मात्रा का समय लगता है, उन्हें 'हस्व स्वर' कहते हैं। अ, इ, उ, त्रऋ ह्रस्व स्वर हैं। इन्हें 'एक मात्रिक स्वर' भी कहते हैं।
(2) दीर्घ स्वर जिन स्वरों के उच्चारण में दो मात्रा का समय लगता है, वे 'दीर्घ स्वर' कहलाते हैं। इन्हें 'द्विमात्रिक स्वर' भी कहते हैं। ये हैं- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।
(3) प्लुत स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में तीन मात्रा का समय
लगे, उसे 'प्लुत स्वर' कहते हैं। (३) अंक इसका चिह्न होता है। संस्कृत व्याकरण में प्लुत स्वरों की संकल्पना प्राप्त होती है। हिन्दी में इसका प्रयोग नहीं किया जाता है।
विशेष- (समग्रतः मात्रा के आधार पर स्वर के तीन भेद हैं, किन्तु हिन्दी वर्णमाला में मात्रा के आधार पर स्वरों के प्रकार पूछे जाने पर उत्तर 2 होगा (1) हस्व (2) दीर्घ, क्योंकि प्लुत का प्रयोग हिन्दी व्याकरण के अन्तर्गत नहीं किया जाता है।)






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