ढाक के वही तीन पात लोकोक्ति का अर्थ है ( dhaak ke vahee teen paat lokokti ka arth hai ) - www.studyandupdates.com

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ढाक के वही तीन पात लोकोक्ति का अर्थ है ( dhaak ke vahee teen paat lokokti ka arth hai )

   लोकोक्ति , Lokokti

ढाक के वही तीन पात लोकोक्ति का अर्थ है ( dhaak ke vahee teen paat lokokti ka arth hai )

 

-कोई निष्कर्ष हल. न निकलना।






1 comment:

  1. ढाक के तीन पात--- का भावार्थ--कोई बदलाव या सुधार न होना । यह कहावत कब से शुरू हुई---किसी सनकी व्यक्ति को पता था कि ढाक के तीन ही पत्ते होते हैं , उसने ढाक के पेड में पत्तों की संख्या बढाने की बात सूझी तो उसने ढाक के पेड की जडों में सुबह शाम पानी से खूब सिंचाई की तथा समय--समय पर खाद भी डाला तथा पेड का ठीक तरीके से रखवाली भी की पत्तों की संख्या नहीं बढी, संख्या वही तीन ही रही । तभी से यह कहावत शुरू हो गई ।

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