Where is Gol Gumbaz located? / गोल गुम्बज कहाँ स्थित है? - www.studyandupdates.com

Sunday

Where is Gol Gumbaz located? / गोल गुम्बज कहाँ स्थित है?

6. Where is Gol Gumbaz located ? / गोल गुम्बज कहाँ स्थित है? 


  1. Andhra Pradesh / आंध्र प्रदेश 

  2. Maharashtra / महाराष्ट्र

  3. Karnataka / कर्नाटक

  4. Gujarat / गुजरात


Answer / उत्तर  :- Karnataka / कर्नाटक


गोल गुम्बज़ या गोल गुम्बद, बीजापुर के सुल्तान मुहम्मद आदिल शाह का मकबरा है और बीजापुर, कर्णाटक में स्थित है। इसको फ़ारसी वास्तुकार दाबुल के याकूत ने १६५६ ई० में निर्माण करवाया था। हालांकि मूल रूप में साधारण निर्माण होने पर भी अपनी स्थापत्य विशेषताओं के कारण दक्खिन वास्तुकला का विजय स्तंभ माना जाता है। 

इसकी संरचना के मूल में 47.5 मीटर (156 फीट) की भुजाओं वाला एक घन है, जिसके उपरस्थ 44 मी॰ (144 फीट) बाहरी व्यास वाला एक विशाल गुम्बद है। दो समान. कोण प घूमते हुए चतुर्भुजों से बनने वाले एक-दूसरे को काटते हुए आठ मेहराबों से गुंथा हुआ गुम्बदीय त्रिभुज-कोण बनता है जो इस गुम्बद को उठाये हुए हैं। इस घन के चारों कोणों पर गुम्बदनुमा छतरी से ढंके हुए अष्टकोणीय सप्त-तलीय अट्टालिकाएं या मिनारें बनी हैं। इनके अन्दर सीढ़ियाँ भी हैं।इन प्रत्येक मीनारों के ऊपरी तल बड़े गुम्बद को घेरते हुए गलियारे में खुलता है। मकबरे के मुख्य हॉल के भीतर चारों ओर सीढ़ियों से घिरा हुआ एक चौकोर चबूतरा है। इस चबूतरे के मध्य एक कब्र का पत्थर है, जिसके नीचे इसकी असल कब्र बनी है। आदिल शाही वंश के मकबरों में ये इस प्रकार का एकमात्र उदाहरण है। उत्तरी ओर के मध्य में, एक वृहत अर्ध-अष्टकोणीय आकार बाहर को निकलता है। 1,700 मी2 (18,000 वर्ग फुट), क्षेत्रफ़ल वाला यह मकबरा विश्व का सबसे बड़ा एकल-कक्ष और बिना किसी मध्य आधार वाला निर्माण है।

मकबरे के गुम्बद के आन्तरिक परिधि पर एक गोलाकार गलियारा बना हुआ है, जिसे अंग्रेज़ों ने "व्हिस्परिंग गैलरी" अर्थात फ़ुस्फ़ुसाने वाला गलियारा नाम दिया है। इस गलियारे के निर्माण में प्रयुक्त ध्वनि-विज्ञान के वास्तु में सम्मिलन के कारण यहां धीमे से फ़ुस्फ़ुसाया हुआ एक शब्द भी इसके व्यास के ठीक दूसरी ओर एकदम स्पष्ट सुनाई देता है।  / Gol Gumbaz or Gol Gumbaz is the mausoleum of Sultan Muhammad Adil Shah of Bijapur and is located in Bijapur, Karnataka. It was built by Persian architect Yaqut of Dabul in 1656 AD. Although originally a simple structure, it is considered the victory pillar of Southern architecture due to its architectural features.

At the core of its structure is a cube with sides of 47.5 meters (156 ft), surmounted by a massive dome with an external diameter of 44 meters (144 ft). Two identical. Eight intersecting arches formed by rotating quadrilaterals form an intertwined domed triangle-angle which holds up the dome. At the four corners of this cube, octagonal seven-tiered towers or towers covered with dome-like umbrellas are built. There are also stairs inside them. The upper floor of each of these minarets opens into a corridor encircling a large dome. Inside the main hall of the tomb, there is a square platform surrounded by stairs on all sides. There is a grave stone in the middle of this platform, under which his actual grave is built. This is the only example of this type among the tombs of the Adil Shahi dynasty. In the middle of the northern side, a large semi-octagonal shape juts out. With an area of 1,700 m2 (18,000 sq ft), the mausoleum is the world's largest single-chamber structure without a central base.

There is a circular corridor on the inner perimeter of the dome of the mausoleum, which the British named "Whispering Gallery". Due to the integration of acoustics used in the construction of this corridor, even a softly whispered word can be heard clearly on the other side of its diameter.


विस्तार से हल के लिए विडिओ देख्ने  / For more detail watch the video :-


Agniveer gd Practice question paper set pdf download

अग्निवीर जीडी प्रैक्टिस प्रश्न पत्र सेट पीडीएफ डाउनलोड


















No comments:

Post a Comment

Popular Posts